दोस्तों आचार्य चाणक्य के बारे में कौन नहीं जानता। हम सभी जानते हैं कि कैसे अपनी कूटनीतियों के बदौलत उन्होंने अपने शिष्य चन्द्रगुप्त मौर्य को मगध का राजा बना दिया था। नमस्कार मित्रों स्वागत है आपका अपने ब्लॉग Think positive पर जहाँ आपको मिलेगा Motivation का कड़क डोज। हम जानेंगे चाणक्य की उन नीतियों के बारे मे जिनका पालन करने वालों को किसी तरह की कठिनाइयों का सामना करने में आसानी होती है तो आइए जानते हैं उन नीतियों के बारे में जो आपको कामयाब बना सकती है।
1) सही लक्ष्य का चयन:
दोस्तों आचार्य चाणक्य के अनुसार सबसे पहले आपको ये पता करना होगा कि आप जो काम करना चाहते हैं वो आप क्यों करना चाहते हैं उससे आपको क्या लाभ होगा जब इन प्रश्नों का सटीक जवाब आपके पास होगा तो आप अपने काम को ज्यादा आत्म विश्वास और दृढ़ता से करेंगे । और आपको इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए कि जो आप करना चाहते हैं उसको पाने के लिए आप कितने आतुर हैं या कितना परिश्रम कर सकते हैं।
2) अपनी क्षमताओं को पहचानने की शक्ति :
मित्रों आपको अपनी क्षमताओं को पहचानना होगा हमे पता होना चाहिए कि हम क्या कर सकते हैं हमें वही काम करना चाहिए जिस को हम पूरा करने में सक्षम हों यदि अपनी शक्ति से अधिक काम हाथों में लेंगे तो असफलता ही मिलेगी। इसका एक ही समाधान है कि हम भली-भांति सोच समझकर goal को चुनें। यदि फिर भी आप अपनी शक्ति से अधिक कठिन कार्य चुनते हैं तो उसे पूरा करने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।
3) अपने लक्ष्य को गुप्त रखें :
जब आप अपने लक्ष्य का चुनाव कर ले तब उसे गुप्त रखे अपनी प्लानिंग के बारे में किसी को बताने से बचें क्योंकि अधिकतर लोग आप पर हंसेंगे और आपको नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे और आपको demotivate कर देंगे और इससे आपका ही नुकसान होगा। इससे बेहतर यह होगा कि आप उसे पाने की तैयारी में दिन रात एक कर दें। और उसे प्राप्त करें तब आप की सफलता सभी को अचंभित कर देगी।
ये अच्छा हैं दोस्तों एकाएक सफल होकर सभी को आश्चर्य चकित कर दें।
4) अनुशासन :
दोस्तों सफल होने के लिए आपको अनुशासित होना पड़ेगा। चाणक्य के अनुसार अनुशासनहीन व्यक्ति किसी भी उपलब्धि को प्राप्त करने में असमर्थ है। वह कभी भी अपने goal को नहीं पा सकता है। अनुशासन आपको आपकी कामयाबी की ओर ले जाता है वहीं इसका पालन न करके आप इससे दूर होते जाते हैं।
दोस्तों सफल होने के लिए आपको अनुशासित होना पड़ेगा। चाणक्य के अनुसार अनुशासनहीन व्यक्ति किसी भी उपलब्धि को प्राप्त करने में असमर्थ है। वह कभी भी अपने goal को नहीं पा सकता है। अनुशासन आपको आपकी कामयाबी की ओर ले जाता है वहीं इसका पालन न करके आप इससे दूर होते जाते हैं।
5) क्रोध करने से बचें:
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को क्रोध करने से बचना चाहिए। क्रोध इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है क्योंकि क्रोध के समय मनुष्य की सोचने समझने की क्षमता नष्ट हो जाती है और वह कुछ ऐसा कर बैठता है जिसके बाद उसे पछताना पड़ सकता है। अतः पाठकों सफल होना है तो क्रोध करने से बचें क्योंकि यह आपके और आपके goal के बीच बड़ी बाधा बन सकता है।
आचार्य चाणक्य की बातें हमारे लिए बहुत ही प्रेरणादायक हैं। कोई भी व्यक्ति इन बातों को अपने जीवनशैली में अपनाकर अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है। इनकी सारी नीतियां मानव जीवन के हित में होती हैं। इनकी बातें यहीं समाप्त नहीं होतीं हम अपने अगले ब्लॉग्स में इनकी और नीतियों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ।
दोस्तों आशा करता हूँ कि ये ब्लॉग आपको पसंद आया होगा यदि पसंद आए तो अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें क्योंकि अच्छी बातें share करने से और बढ़ती हैं। आप और किस टॉपिक पर पढ़ना पसंद करेंगें हमें जरूर बतायें। आपके विचार सादर आमंत्रित हैं।
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दोस्तों आगे हम कई motivational stories की series लाने वाले हैं I सफल लोगों की कहानियां आपको refresh कर देंगी I
जवाब देंहटाएंVery Nice Article
जवाब देंहटाएंhttps://investupdates.blogspot.com/2021/02/what-is-flipping.html
Very inspirational
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